आस्तीन के कबूतर और ईमान की रौशनी

एक अजनबी, तीन कबूतर और नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की गैबी खबर – ईमान की सच्ची मिसाल:

एक दिन एक अजनबी (जिसे अरा बी कहा जाता है) अपनी आस्तीन में कुछ छुपाए हुए नबी करीम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बारगाह में हाज़िर हुआ। वह सीधा नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से बोला: ए मुहम्मद! (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) अगर आप यह बता दें कि मेरी आस्तीन में क्या है, तो मैं मान लूंगा कि आप अल्लाह के सच्चे नबी हैं।

नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: क्या तुम वाक़ई ईमान ले आओगे?
उसने जवाब दिया: हाँ, अगर आप बता देंगे तो मैं मुसलमान हो जाऊंगा।

नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: तुम एक जंगल से गुजर रहे थे, वहाँ एक पेड़ पर कबूतर का घोंसला था। उस घोंसले में दो छोटे बच्चे थे। तुमने उन दोनों को पकड़ लिया। जब माँ कबूतर ने देखा कि उसके बच्चों को कोई ले जा रहा है, तो वह अपने बच्चों को बचाने के लिए घोंसले से नीचे आई, और तुमने उसे भी पकड़ लिया। अब वह माँ और उसके दोनों बच्चे तुम्हारी आस्तीन में मौजूद हैं।

यह सुनकर वह अजनबी हैरान रह गया। वह फौरन बोल पड़ा:
अशहदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाह व अशहदु अन्नका रसूलुल्लाह
(मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और आप अल्लाह के सच्चे रसूल हैं।)

इस वाक़िए से हमें क्या सीख मिलती है:

  • नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को अल्लाह की तरफ से वह इल्म दिया गया जो आम इंसानों के पास नहीं होता।

  • अल्लाह अपने रसूल की सच्चाई साबित करने के लिए चमत्कार दिखाता है।

  • सच्चे दिल से सवाल करने वाले को हिदायत जरूर मिलती है।

  • ईमान लाने की नीयत हो तो अल्लाह रास्ता आसान कर देता है।

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