इल्म की विरासत और इंसान की असली पहचान:
इस्लामी वाक़ियात हमें जीवन की गहरी सीख देते हैं। यह किस्सा हज़रत अब्दुल्लाह बिन मुबारक रहमतुल्लाह अलैह और एक सैयदज़ादे का है, जिसमें इल्म और विनम्रता की अहमियत सामने आती है।
सैयदज़ादे का सवाल
एक बार हज़रत अब्दुल्लाह बिन मुबारक रहमतुल्लाह अलैह बड़ी भीड़ के साथ मस्जिद से बाहर निकले। तभी एक सैयदज़ादा (हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की औलाद से) ने उनसे कहा:
अब्दुल्लाह! यह कैसी भीड़ तुम्हारे साथ है? देखो, मैं तो रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की संतान हूँ और तुम्हारा बाप तो ऐसा न था।
हज़रत अब्दुल्लाह का जवाब
हज़रत अब्दुल्लाह ने नर्मी से जवाब दिया:
मैं वही काम करता हूँ जो तुम्हारे नाना जान (हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने किया था और तुम वह काम नहीं करते। तुम सैयद हो और तुम्हारे वालिद रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हैं। मेरे वालिद तो वैसे न थे। लेकिन तुम्हारे वालिद से इल्म की विरासत बाकी रही और मैंने उसे हासिल किया। इसी वजह से लोग मेरा सम्मान करते हैं। लेकिन तुमने अपने वालिद की विरासत (इल्म) को नहीं अपनाया, इसलिए इज्ज़त हासिल न कर सके।
हज़रत सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का गुस्सा और तंबीह
उस रात हज़रत अब्दुल्लाह बिन मुबारक ने सपने में हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को देखा। उनका चेहरा मुबारक बदल हुआ था।
हज़रत अब्दुल्लाह ने अर्ज़ किया:
या रसूल अल्लाह! यह रंजिश क्यों है?
तो आपने फ़रमाया:
तुमने मेरे एक बेटे पर ताना मारा है।
हज़रत अब्दुल्लाह डरकर जाग गए और उसी वक़्त उस सैयदज़ादे की तलाश में निकल पड़े ताकि उससे माफी माँग सकें।
सैयदज़ादे का सपना
उधर उसी रात उस सैयदज़ादे ने भी सपना देखा। उसमें रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने उससे फरमाया:
बेटा! अगर तुम अच्छे होते तो अब्दुल्लाह बिन मुबारक तुम्हें ऐसा कलमा क्यों कहते?
सपना देखकर वह भी डर गया और सुबह होते ही हज़रत अब्दुल्लाह की तलाश में निकल पड़ा।
दोनों की मुलाकात और माफी
आखिरकार दोनों की मुलाकात हुई। दोनों ने अपने-अपने सपने सुनाए और एक-दूसरे से माफी माँग ली।
इस तरह यह मामला अल्लाह की रहमत से सुलझ गया।
इस वाक़िए से सीख
इस वाक़िए से हमें सीख मिलती है कि:
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इल्म की असली कीमत है, वंश पर घमंड नहीं।
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कभी भी किसी पर ताना नहीं मारना चाहिए।
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रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अपनी औलाद से मोहब्बत करते हैं लेकिन घमंड और लापरवाही को पसंद नहीं करते।
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इंसान को हमेशा विनम्र रहना चाहिए और गलती पर माफी मांग लेनी चाहिए।