नफ़्स और शैतान से बचने की सीख
तारीफ़ का धोखा और विनम्रता की अहमियत: इंसान का शरीर एक पिंजरे की तरह है और जान (रूह) उस पिंजरे […]
तारीफ़ का धोखा और विनम्रता की अहमियत: इंसान का शरीर एक पिंजरे की तरह है और जान (रूह) उस पिंजरे […]
दुनिया की सजावट बनाम इल्म-ए-नबूवत: इंसान जब अपनी अक़्ल, ज़हानत और चालाकी पर घमंड करता है तो वह असली इल्म
नियत की सच्चाई और रूहानी तरक़्क़ी: हकीमों और दानाओं का कहना है कि हमेशा नेक और भलाई करने वाले लोगों
इल्म का दरख़्त और रूहानी सफ़र: दुनिया के अंदर इल्म (ज्ञान) ऐसा दरख़्त है जिसमें आब-ए-हयात यानी ज़िंदगी देने वाला
इंसानी रूह और अल्लाह का करम: सूफियों का दिल हमेशा अल्लाह तआला की तजल्लीयात (अनवार-ए-इलाही) का केंद्र माना जाता है।
रूहानी नूर और इंसान की हकीकत: जिसे नूर-ए-हक़ मिल जाता है, उसके लिए बुढ़ापा या जिस्मानी कमजोरी कोई मायने नहीं
दिल और रूह के नूर की तलाश: शेख-ए-तरीक़त (रूहानी रहबर) वो शख्स होता है जो दिलों के हाल से वाक़िफ
पीर-ए-कामिल की रहस्यमयी तालीम: सच्चाई यह है कि पीर-ए-कामिल भी अल्लाह तआला की तरह बिना किसी ज़ाहिरी साधन के अपने
नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की रहमत और मोहब्बत का अनोखा वाक़िया: एक दिन नबी-ए-पाक सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अपने नन्हे
घमंड से मिलने वाली सज़ा: जब अल्लाह तआला ने हज़रत आदम अलैहिस्सलाम को पैदा किया, तो हुक्म दिया कि सारे