जब हज़रत अब्बास ने सच्चाई सुनकर ईमान कबूल किया

जब नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने बताई छुपी दौलत की बात और चाचा अब्बास का ईमान जग उठा:

जंगे-बदर इस्लाम के इतिहास की पहली बड़ी जंग थी जिसमें अल्लाह तआला ने मुसलमानों को फ़तह अता फरमाई और काफिरों को शिकस्त हुई। इस जंग के बाद कई काफिर क़ैदी बनाए गए जिनमें हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के चाचा, हज़रत अब्बास भी थे।

जब क़ैदियों से फिरौती (ता’वान) माँगी गई, तो हज़रत अब्बास ने कहा:
“ऐ मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम! मैं तो एक गरीब आदमी हूँ, मेरे पास कुछ नहीं। जब आपने मक्का में मुझे छोड़ा था, तब मैं अपने कबीले में सबसे गरीब था।”

इस पर नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया:
चचा जान, जब आप मक्का से जंग-ए-बदर के लिए निकले तो आपने अपनी बीवी उम्मे फज़ल को चुपके से सोने की ईंटें दे दी थीं, ताकि वो संभाल कर रखे। अब आप ये राज क्यों छिपा रहे हैं?

ये सुनकर हज़रत अब्बास हैरान रह गए। उन्होंने महसूस किया कि यह बात तो कोई और जान ही नहीं सकता। यह अल्लाह की तरफ से नबी ﷺ को अता की गई इल्म-ए-गैब (ग़ैब की खबर) थी।

हज़रत अब्बास फौरन समझ गए कि मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम वाक़ई अल्लाह के भेजे हुए रसूल हैं, जो छुपी बातें भी जानते हैं। उन्होंने वहीं ईमान कबूल कर लिया।

  • अल्लाह ने अपने रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को ग़ैब की खबरों से नवाज़ा।

  • सच्चे दिल से ईमान लाने वालों को हिदायत मिलती है।

  • नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का किरदार और उनका इल्म देखकर लोग खुद-ब-खुद ईमान लाते थे।

  • झूठ छुपाया नहीं जा सकता जब सामने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हों।

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