कुएँ में रोशनी का चमत्कार:
जब हज़रत यूसुफ़ अलैहिस्सलाम के भाइयों ने उन्हें एक बहुत गहरे कुएँ में फेंका, तो अल्लाह तआला ने जिब्राईल अमीन को हुक्म दिया,
ऐ जिब्राईल! सिदरतुल मुन्तहा से तुरंत उड़ान भरो और यूसुफ़ को कुएँ की तह तक पहुँचने से पहले अपने परों पर उठा लो।
जिब्राईल अमीन फ़ौरन वहाँ पहुँचे और हज़रत यूसुफ़ अ.स. को बड़े आराम से अपने परों पर उठाकर कुएँ के अंदर एक तरफ मौजूद एक पत्थर पर बिठा दिया।
बरकत वाली कमीज़ और रोशनी का चमत्कार
हज़रत याक़ूब अ.स. ने यूसुफ़ अ.स. के गले में एक तावीज़ के रूप में हज़रत इब्राहीम अ.स. की कमीज़ पहनाई थी। जिब्राईल अमीन ने उस कमीज़ को खोलकर उन्हें फिर से पहना दिया।
जैसे ही कमीज़ पहनी गई, कुएँ का अँधेरा खत्म हो गया और चारों ओर एक नूरानी रोशनी फैल गई। यह अल्लाह की कुदरत का एक बड़ा निशान था कि गहरा अंधेरा भी ईमान और बरकत की वजह से जगमगा उठा।
अल्लाह की रहमत और सब्र का सबक
यह वाक़िया हमें सिखाता है कि मुसीबत कितनी भी बड़ी हो, अगर हम अल्लाह पर भरोसा रखें, तो वह अपनी रहमत से हमारे लिए मदद के असबाब पैदा कर देता है।
अँधेरा कितना भी गहरा हो, ईमान और सब्र की रोशनी उसे मिटा सकती है।
वाकिए से सीख
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अल्लाह अपने नेक बंदों की हिफाज़त के लिए फ़रिश्तों को भी भेज सकता है।
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मुश्किल हालात में सब्र और अल्लाह पर भरोसा रखना चाहिए।
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ईमान की बरकत से अंधेरा भी रोशनी में बदल सकता है।